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मॅाम फ्रेंड सेक्स कहानी में मेरी मम्मी की सहेली ने मुझसे बार बार अपनी चूत चुदवाई. वैसे मेरे लंड से आंटी की पहली चुदाई हुई तो उनको खूब मजा आया था. पाठको, मैं अर्जुन आपको अपनी मॉम की सहेली जेनिफर आंटी की चुदाई की कहानी सुना रहा था. कहानी के दूसरे भाग मम्मी की सहेली ने मेरा लंड चूसा में अब तक आपने जेनिफर आंटी की चुदाई का मजा ले लिया था. अब आगे मॅाम फ्रेंड सेक्स कहानी: आंटी ने चुदाई होने के बाद भी अभी तक ब्रा पैंटी नहीं उतारी थी. यह उनकी परिपक्वता का नमूना था. मैंने पास में पड़े टिश्यू पेपर बॉक्स से एक टिश्यू पेपर निकालकर अपने लंड को अच्छे से साफ किया. फिर देखा कि आंटी थक कर लेटी हुई हैं और बड़बड़ा रही हैं- वाउ मजा आ गया, बहुत समय बाद इतनी संतुष्टि मिली है. आज मेरी इतनी मस्त चुदाई हुई है … थैंक्स बेटा अर्जुन! लेकिन मुझे तो कुछ मिला ही नहीं, मेरा लंड अभी शैतानी रूप में था. उसे तो बहुत खुदाई और चुदाई करनी बाकी थी. मैंने फिर भी संयम बनाए रखा और अपने लंड को भी समझाया कि बेटा इंतजार में बहुत मजा है. अभी तो आंटी को चोदने की शुरुआत हुई है. यह पहला राउंड है. अभी तो आज ही के दिन में बहुत सारे राउंड लगाऊंगा और आंटी की चूत और गांड को फाड़ दूंगा. इनके तरबूज से फूले मम्मों को दबाकर और चूसकर लाल करके ही अपने घर जाऊंगा. कुछ समय बाद आंटी की आंख खुल गई और वे सोफे पर बैठ गईं. उन्होंने मुझे प्यार से देखा. फिर नीचे नजर की तो मेरे साढ़े 6 इंच के लौड़े को देखा. मेरा लंड, खेत में खड़े मोटे और रसभरे गन्ने की तरह सीधा खड़ा था. आंटी ने उसको देखा और आश्चर्यचकित वाले अंदाज में बोलीं- ओह अर्जुन, तेरा लंड तो अभी भी खड़ा है. तू अभी तक डिस्चार्ज नहीं हुआ! ओह … तेरे अन्दर तो भगवान ने घोड़े के लंड जैसी ताकत दी है. मेरे पति तो कुछ मिनट में झड़ जाते हैं. ओह सॉरी बेटा. मैं मासूम और अनजान वाले अंदाज में बोला- आंटी, पता नहीं क्या हो रहा है … मेरी उत्तेजना कम नहीं हो रही है. मेरा लंड हार्ड हो गया है और दर्द भी कर रहा है. आंटी प्लीज इसे शांत कराओ न! आंटी- हां बेटा, मैं कुछ करती हूं. मेरी चूत तो अभी एकदम ठंडी, शांत और ढीली हो गई है. इसे वापस गर्म और उत्तेजित होने में कुछ समय लग जाएगा. तू थोड़ी देर और कंट्रोल कर ले और थोड़ा दर्द सहन कर ले, बाद में वापस मेरी चूत की चुदाई कर लेना. मैं तो आज बहुत बार तेरे लंड से चुदना चाहती हूं. मैंने सोचा कि अभी बहुत हो गया नाटक, अब अपना असली वहशी सेक्सी रूप में आ जाता हूं और आंटी को दबाता हूं. तो मैंने दुखी स्वर में कहा- ठीक है आंटी कंट्रोल करता हूं. आंटी आपने अपनी ब्रा पैंटी अभी तक नहीं उतारी. मैं आपको पूरी नंगी देखना चाहता हूं. आंटी शर्मा कर बोलीं- वह बेटा मुझे तेरे सामने नंगी होने में शर्म आ रही थी. मैं- अरे आंटी, जब आपकी चूत को चोद लिया है, आपके मुँह को मेरे लंड ने चोद लिया है, तो अब मुझसे क्या शर्माना! अब जल्दी से मेरे सामने आप खड़ी हो जाइए. आंटी उठ कर मेरे सामने खड़ी हो गईं. मैं भी खड़ा हो गया और बोला- जेनिफर डार्लिंग … मेरी लवर, मेरी जान. मेरे मुँह से यह शब्द सुनकर आंटी खुश हो गईं और थोड़ी एक्साइटेड हो गईं. मैं- डार्लिंग, मैंने आपको खुश और संतुष्ट कर दिया. जो आपने मेरे साथ करना चाहा, मेरे लौड़े की साथ करना चाहा, मैंने आपको करने दिया. आपको रोका नहीं. अभी मैं जो करूंगा, उसे आप भी मत रोकना. मैं आपको और बहुत सारे मज़े दूंगा. आंटी ने सर हिलाकर ग्रीन सिग्नल दे दिया. पहले मैंने आंटी के गाल पर पप्पी दी, फिर उनके सेक्सी होंठों पर जोरदार चुम्बन किया और आंटी के पूरे बाल खोल दिए. मैं- आंटी आपके फिगर का साइज क्या है? आंटी- डार्लिंग मैं 36C की ब्रा पहनती हूं. मेरे बूब्स की 36 साइज है. मेरी कमर 34 की है और मैं 38 इंच की पैंटी पहनती हूं. ‘मतलब 36-34-38 फिगर साइज है?’ ‘हां.’ मैं- ग्रेट … डार्लिंग आपकी बहुत सेक्सी फिगर है. अब मैं आंटी की कमर के पीछे खड़ा हो गया. आंटी की लंबाई करीब 5 फीट 3 इंच थी और मैं 6 फीट का था. मेरा खड़ा लंड आंटी की गांड के बीच वाले हिस्से पर पैंटी के ऊपर टच कर रहा था. मैंने अपने दोनों हाथ आंटी की कमर से आगे की ओर निकाले और ब्रा के ऊपर से ही आंटी के दोनों खरबूजों को पकड़ लिया. मैं उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा. आंटी के मुँह से ‘ई ई ए आह.’ निकला. मैं अपने होंठों और जीभ से आंटी की दोनों गालों को बारी बारी से चाटने लगा. मैंने उनके साथ चूमाचाटी शुरू कर दी. मैं आंटी की गर्दन को चाटने लगा, उनके दोनों कानों को भी चाटने लगा. नीचे मेरा लंड आंटी की पैंटी को रगड़ रहा था. दूसरी ओर मेरे दोनों हाथ आंटी की बड़े स्तनों को ब्रा के ऊपर से दबाए जा रहे थे. मैं आंटी को जल्द से जल्द दुबारा सेक्स के लिए गर्म करना और उत्तेजित करना चाहता था, तभी मैं मज़े से आंटी की चूत को चोद सकूंगा. अब मैंने आंटी की ब्रा के हुक खोल कर आंटी की ब्रा को साइड में फेंक दिया. फिर पीछे से एक ही झटके में आंटी की पैंटी भी उतार फेंकी. अब आंटी पूरी नंगी थीं. उनके नंगी होने के बाद मैं आगे आ गया. आंटी ने शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर दीं. मैंने आंटी के नंगे शरीर को वासना भरी नजर से देखा. आंटी के 36 साइज की चूचियां खुली हवा में आजादी में फुदक रही थीं. उनके बूब्स बाकी जिस्म की रंगत से अपेक्षाकृत गोरे और मोटे थे और उन पर काजू के आकार के भूरे रंग के निप्पल अकड़े हुए थे. उनकी चूत बाहर से थोड़ी काली थी. उस पर हल्के से ट्रिम किए हुए सेक्सी बाल थे. मैं- मेरी जान आंखों को खोल भी दो … अब मुझसे क्या शर्माना! आंटी ने आंखें खोल दीं. मैं- डार्लिंग, आपके बूब्स तो बहुत बड़े और सुडौल हैं. बहुत सेक्सी हैं. आपने इस उम्र में भी इन्हें बहुत अच्छे से मेंटेन किया है. आंटी खुश होकर कहने लगीं- यस डार्लिंग, मेरे बूब्स तो मेरी शादी के पहले से बड़े थे. तेरे अंकल को बहुत पसंद है. अब वह मेरी चूत की चुदाई तो नहीं कर पाते हैं, लेकिन मेरे बूब्स की चुसाई तो रोज रात को करते ही हैं. मैंने वाह कह कर शाबाशी दी. आंटी- उन्हें तो छोड़ो … मेरी बेटी की शादी हो चुकी है लेकिन वह जब भी यहां आती है, मेरे बूब्स के साथ जरूर खेलती है. मैं- ओह गॉड … आपकी बेटी इस उम्र में भी आपके बूब्स को चूसती है! बहुत मजा आता होगा उसको! आंटी- यस बेटा, उसको मेरे बूब्स बहुत पसंद हैं इसलिए मैं उसे मना नहीं करती. मैंने सोचा कि अभी आंटी से और सवाल नहीं करता हूं सीधा अपने काम पर लगता हूं. बेटी के बारे में बाद में कभी पूछ लूंगा. अब मैंने अपना एक हाथ आंटी की चिकनी काली चूत के बाहर रख दिया. आंटी ने गहरी सांस ली. चूत मस्त थी, पुरानी थी लेकिन चुदाई के लिए बहुत परफेक्ट थी. अभी आंटी भी वापस गर्म और उत्तेजित हो चुकी थीं- अर्जुन, अब बेडरूम में चलते हैं. वहां बेड पर ज्यादा मजा आएगा. आंटी मुझे अपने आलीशान बेडरूम में ले गईं, जहां बड़ा सा आलीशान बेड था. मैंने आंटी को बेड पर सीधा लिटा दिया.आंटी- मजा तो मुझे आया है, मेरी जिंदगी में वापस तूने खुशियां भर दी हैं. अब तू आते रहना और आंटी की चुदाई करते रहना. मुझे भूल मत जाना. मैं- यस आंटी, मैं आता रहूंगा. मुझे तो खुद आपकी याद आती रहेगी. फिर मेरे साथ आंटी नंगी ही ड्राइंग रूम में आ गईं. मैंने आंटी को होंठ पर जोरदार किस किया और बोला- आई लव यू आंटी. आंटी ने भी मुझे होंठ, गाल पर चुम्मा लिया और बोलीं- आई लव यू टू मेरी जान. जरा रुक, मैं तुझे कुछ देती हूं. जिससे तुझे मेरी याद आती रहे और तू मुझे भूले नहीं. उन्होंने ड्रॉइंग रूम में पड़ी अपनी ब्रा और पैंटी मुझे दे दी. वे बोलीं- जब भी याद आए, इन्हें देख लेना और इन्हें अपने रूम में छिपाकर रखना … सीमा को पता नहीं चले! मैं- ओके आंटी. मैंने उनकी ब्रा पैंटी को बैग में डाला और आंटी के घर से निकल गया. दोस्तो, यह मेरे और जेनिफर आंटी के साथ चुदाई की शुरुआत थी. आगे क्या क्या हुआ, वह भी में आपको सेक्स कहानी के रूप में आगे कुछ दिनों में बताऊंगा.