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म्यूचुअल फंड में निवेश करना सही है, यह आपने सुना है. लेकिन आखिर यह क्यों सही है, इसे समझना जरूरी है. म्यूचुअल फंड में आप लम्सम और एसआईपी के जरिये निवेश कर सकते हैं. इसमें निवेश पर रिटर्न परंपरागत निवेश के मुकाबले कहीं ज्यादा मिलने की पूरी संभावना होती है. म्यूचुअल फंड में निवेश के आपको कई बेनिफिट मिलते हैं. आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना आपके लिए अच्छा है. 1.आप महज छोटी राशि से कर सकते हैं शुरुआत- म्यूचुअल फंड में आप महज 100 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. अगर आपके पास निवेश के लिए एक साथ मोटी रकम नहीं है तो आप एसआईपी के जरिये छोटी रकम mutual funds में हर महीने निवेश कर सकते हैं. 2.निवेश को खुद मैनेज करने की कोई जरूरत नहीं म्यूचुअल फंड में जब आप निवेश करते हैं तो इसे आपको मैनेज करने की चिंता नहीं करनी होती है. दरअसल, आपकी निवेश राशि को प्रोफेशनल फंड मैनेजर मैनेज करते हैं. वह किसी सिक्योरिटीज का एनालिसिस करते हैं और बेहतर फैसले लेते हैं. 3.म्यूचुअल फंड की सेफ्टी की आपको नहीं करनी है चिंता आपको बता दें, म्यूचुअल फंड्स को मार्केट रेगुलेटर सेबी रेगुलेट करता है. इसलिए इसकी सेफ्टी को लेकर आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. बिना सेबी के परमिशन के कोई भी म्यूचुअल फंड अपनी स्कीम को मार्केट में पेश नहीं करता है. इसलिए इसकी आपको चिंता नहीं करनी है. हां, मामूली रिस्क इसमें जरूर है, क्योंकि यह इक्विटी मार्केट से जुड़ी होता है. 4.निवेश करेंगे तो टैक्स बेनिफिट भी पा सकते हैं अगर आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं तो आप अपने सालाना इनकम पर टैक्स छूट का फायदा भी ले सकते हैं. ऐसे कई टैक्स सेविंग फंड्स मार्केट में मौजूद हैं जिसमें आप निवेश कर सकते हैं. 5.जरूरत पड़ने पर लिक्विडिटी की नहीं होगी समस्या अगर आपको पैसे की कोई विशेष जरूरत पड़ जाए या फंड का प्रदर्शन अच्छा नहीं चल रहा है तो आप म्यूचुअल फंड की उस स्कीम से बाहर निकल सकते हैं. आपके लिंक्ड सेविंग अकाउंट में एक से तीन वर्किंग डेज के भीतर पैसे क्रेडिट हो जाएंगे. हालांकि लगने वाला समय म्यूचुअल फंड के प्रकार पर भी निर्भर करेगा. 6.निवेश को करता है डाइवर्सिफाई म्यूचुअल फंड्स में निवेश आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाता है यानी उसे डाइवर्सिफाई करता है. आप अलग अलग एसेट क्लास या सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं. अगर शेयर बाजार में भारी गिरावट आती भी है तो आपके निवेश पर रिस्क काफी हद तक कम रह जाता है. 7.निवेश से पहले परफॉर्मेंस का कर सकते हैं रिव्यू जब आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का फैसला करते हैं तो उससे पहले फंड के परफॉर्मेंस का आप आकलन भी कर सकते हैं. इससे आप खुद भी फंड का सलेक्शन करने में सही साबित होंगे. अन्यथा आप फाइनेंशियल एडवाइजर की भी मदद ले सकते हैं.