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मैं अपनी फैमिली के बिना जी नहीं सकता। उनके लिए कुछ भी कर सकता हूं। फिर दुनिया मुझे मतलबी कहे या खुदगर्ज' 'दृश्यम वन' से लेकर 'दृश्यम 2' तक फिल्म का यही संवाद कहानी का मूल है। पार्ट वन में आज से साथ साल पहले अपने परिवार को बचाने के लिए विजय सालगांवकर (अजय देवगन) अपनी हद पार कर गया था, मगर इसी फिल्म का एक और डायलॉग है, 'सच पेड़ के बीज की तरह होता है, जितना दफना लो एक न एक दिन बाहर आ ही जाता है' अब सात साल बाद दृश्यम के पार्ट टू में अतीत का काला सच सामने आ गया है, ऐसे में परिवार को बचाने के लिए दुनिया की नजर में खुदगर्ज कहलाने वाला विजय क्या इस बार अपनी हदें तोड़ पाएगा? इसी राज के ताने-बानों में गुंथी हैं दृश्यम 2 की कहानी। पार्ट वन की अपार सफलता के बाद फिल्म के पार्ट 2 का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था और यह कहना गलत न होगा कि पार्ट 2 के रूप में भी यह फिल्म दर्शकों को टर्न और ट्विस्ट से भरी-पूरी मिलेगी। दृश्यम 2' की कहानी पार्ट 2 इसी नाम की मलयालम थ्रिलर का रूपान्तरण है। कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां आज से 7 साल पहले विजय एक फावड़ा लेकर पुलिस स्टेशन से बाहर निकलता है, इस बात से अनजान कि उसके अपराध का कोई गवाह भी हो सकता है, हालांकि वो गवाह खुद कत्ल का अपराधी है और जेल जा चुका है। अब कहानी आती है, आज के समय में। सात साल बाद विजय ने अपने सपनों को पूरा कर लिया है। वो एक सिनेमा हॉल का मालिक बन गया है। अपनी लिखी कहानी पर फिल्म बनाने की तैयारी में है। उसकी बेटी अंजू (इशिता दत्ता) अतीत की घटनाओं से अभी भी सदमे में आ जाती है और उसे मिर्गी के दायरे पड़ते हैं। छोटी बेटी अनु (मृणाल जाधव) टीनेज में आ चुकी है। पत्नी नंदिनी (श्रिया सरन) पड़ोस में आई जेनी (नेहा जोशी) से अपना सुख-दुख बांटती रहती है, इस बात से अनजान कि अतीत के काले साये ने उनका पीछा नहीं छोड़ा है। आर्थिक तौर पर विजय सालगांवकर भले समृद्ध हो गया है, मगर सामाजिक रूप से उसके बारे में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं कि क्या विजय ही वो अपराधी था, जिसने मर्डर करके लाश गायब कर दी थी। तभी गोवा में नए आईजी तरुण अहलावत (अक्षय खन्ना) का तबादला होता है। तरुण मीरा देशमुख (तब्बू) का दोस्त है। मीरा अपने पति रजत कपूर के साथ लंदन में जा बसी है, मगर अपने बेटे की पुण्य तिथि पर वो गोवा आई है। उसके बेटे के कत्ल के जख्म ताजा हो गए हैं। वो किसी भी हाल में विजय से सच उगलवा कर उसे व उसके परिवार को जेल की सलाखों के पीछे डालना चाहती है। तरुण उसका साथ देता है और उनके हाथ कुछ ऐसे सबूत लगते हैं कि विजय और उसके परिवार का बचना असंभव-सा हो जाता है। अब विजय क्या करेगा? क्या वो पिछली बार की तरह अपने परिवार को बचा पाएगा, ये जानने के लिए आपको सिनेमा हॉल तक जाना होगा। दृश्यम 2' का रिव्यू इस फिल्म के पार्ट वन का निर्देशन दिवंगत निशिकांत कामत ने किया था। पार्ट टू को बूंद जैसी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक अभिषेक पाठक ने निर्देशित किया है। अभिषेक ने कहानी को डेवलप करने में काफी वक्त लगाया है। यही वजह है कि फर्स्ट हाफ में जब इंटरवल पॉइंट आता है, तो दर्शक सोच में पड़ जाता है कि क्या आगे कुछ रहस्य व रोमांच मिलेगा? मूल मलयालम फिल्म में भी यही कमी देखने को थी। मगर सेकंड हाफ में कहानी सरपट दौड़ने लगती है और ऐसे टर्न और ट्विस्ट आते हैं कि आप अपनी कुर्सी से हिल नहीं पाते। फिल्म का प्री क्लाइमेक्स और क्लाइमेक्स तकरीबन आधे घंटे चलता है और यही इसकी यूएसपी है, जो हर तरह से धमाकेदार है। आमिल कियान खान के लिखे कई डायलॉग याद रह जाते हैं। डीओपी (डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी) सुधीर कुमार चौधरी का कैमरा एंगल पैनापन लिए हुए है। देवी प्रसाद का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म रोमांच को गहरा करता है। क्रेडिट और टाइटल ट्रैक के साथ आने वाला अमिताभ भट्टाचार्य का सही गलत गाना भूलता नहीं है। अभिनय के मामले में फिल्म कहीं भी उन्नीस साबित नहीं होती। दृश्यम 2' के कलाकारों का दमदार अंदाज दिलचस्प बात ये है कि सात सालों बाद भी पार्ट 2 में तकरीबन वही स्टार कास्ट है, मगर कोई भी कलाकार अपने किरदार से बाहर नजर नहीं आता। अजय देवगन एक साधारण आदमी के असाधारण बनने की परिकल्पना पर खरे उतरते हैं। उनका अभिनय एफर्टलेस लगता है। नए किरदार के रूप में अक्षय खन्ना का अभिनय फिल्म के लिए फायदेमंद साबित होता है। इस तरह के खुर्राट पुलिस वाले की भूमिका उन पर काफी सजती है। तब्बू अपनी भूमिका को दमदार अंदाज में निभा ले जाती हैं। इस बार श्रिया सरन को ज्यादा और इशिता दत्ता को थोड़ा-सा कम स्क्रीन स्पेस मिला है, मगर दोनों ने अपनी भूमिकाओं में जान डाली है। रजत कपूर हमेशा की तरह स्वाभाविक अभिनय शैली अपनाते हैं। लेखक की भूमिका में सौरव शुक्ला खूब जंचते हैं। नेहा जोशी, मृणाल जाधव के अलावा इंस्पेक्टर गायतोंडे इस बार भी अपने अभिनय और संवाद अदायगी के बलबूते पर कहानी में लाइट मोमेंट्स लाते हैं।