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यूरोपियन यूनियन 27 देशों का एक समूह है जो एक संसक्त आर्थिक और राजनीतिक ब्लॉक के रूप में कार्य करता है। इसके 19 सदस्य देश अपनी आधिकारिक मुद्रा के तौर पर 'यूरो' का उपयोग करते हैं, जबकि 8 सदस्य देश (बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, हंगरी, पोलैंड, रोमानिया, स्वीडन) यूरो का उपयोग नहीं करते हैं। यूरोपीय देशों के मध्य सदियों से चली आ रही लड़ाई को समाप्त करने के लिये यूरोपीय संघ के रूप में एक एकल यूरोपीय राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा विकसित हुई जिसका द्वितीय विश्व युद्ध के साथ समापन हुआ और इस महाद्वीप का अधिकांश भाग समाप्त हो गया। EU ने कानूनों की मानकीकृत प्रणाली के माध्यम से एक आंतरिक एकल बाज़ार (Internal Single Market) विकसित किया है जो सभी सदस्य राज्यों के मामलों में लागू होता है और सभी सदस्य देशों की इस पर एक राय होती है। लक्ष्य EU के सभी नागरिकों के लिये शांति, मूल्य एवं कल्याण को प्रोत्साहित करना। आंतरिक सीमाओं के बिना स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं न्याय प्रदान करना। यह सतत् विकास, संतुलित आर्थिक वृद्धि एवं मूल्य स्थिरता, पूर्ण रोज़गार और सामाजिक प्रगति के साथ एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाज़ार अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय सुरक्षा पर आधारित है। सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव का निराकरण। वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना। EU देशों के मध्य आर्थिक, सामाजिक और क्षेत्रीय एकजुटता एवं समन्वय को बढ़ावा देना। इसकी समृद्ध सांस्कृतिक और भाषायी विविधता का सम्मान करना एक आर्थिक और मौद्रिक यूनियन की स्थापना करना जिसकी मुद्रा यूरो है। इतिहास यूरोपीय एकीकरण को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अत्यधिक राष्ट्रवाद को नियंत्रित करने के रूप में देखा गया था जिसने महाद्वीप को लगभग तबाह कर दिया था। वर्ष 1946 में जुरिच विश्वविद्यालय, स्विट्ज़रलैंड में विंस्टन चर्चिल ने आगे बढ़कर यूनाइटेड स्टेट ऑफ यूरोप के उद्भव की वकालत की। वर्ष 1952 में 6 देशों (बेल्जियम, फ्राँस , जर्मनी, इटली, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड) द्वारा अपने कोयला और इस्पात उत्पादन को एक आम बाज़ार में रखकर, उनकी संप्रभुता के हिस्से को खत्म करने हेतु पेरिस संधि के तहत यूरोपीय कोल एवं स्टील कम्युनिटी (European Coal and Steel Community - ECSC) की स्थापना की गई थी। वर्ष 1952 में पेरिस संधि के तहत यूरोपीय न्यायालय ( वर्ष 2009 तक इसे यूरोपीय समुदायों के न्याय के लिये न्यायालय कहा जाता था ) की स्थापना भी की गई थी। यूरोपीय परमाणु ऊर्जा समुदाय (EAEC या Euratom) यूरोप में परमाणु ऊर्जा हेतु एक विशेषज्ञ बाज़ार बनाने के मूल उद्देश्य के साथ यूरेटोम संधि (1957) द्वारा स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसके अलावा इसका उद्देश्य परमाणु ऊर्जा विकसित करके अपने सदस्य राज्यों में इसे वितरित करना और अधिशेष को गैर-सदस्य राज्यों को बेचना है। इसके सदस्यों के संख्या यूरोपियन यूनियन के समान ही है जिसका शासन यूरोपीय आयोग एवं परिषद द्वारा किया जाता है तथा इसका संचालन यूरोपीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत होता है। यूरोपीय आर्थिक समुदाय (European Economic Community - EEC) की स्थापना रोम संधि(1957) के अनुसार की गई थी। समुदाय का प्रारंभिक उद्देश्य संस्थापक सदस्यों (छः) के मध्य एक साझा बाज़ार एवं सीमा शुल्क संघ शामिल करते हुए आर्थिक एकीकरण स्थापित करना था। इसका अस्तित्व लिस्बन संधि-2007 द्वारा समाप्त हो गया एवं इसकी गतिविधियों को EU में शामिल कर लिया गया था। विलय संधि ( Merger Treaty) (1965, ब्रुसेल्स) में हुए एक समझौते के अनुसार तीन समुदायों (ECSC, EAEC और EEC) का विलय कर यूरोपीय समुदाय की स्थापना की गई।