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छतरपुर की आम जनता के द्वारा 4 वर्षों तक चलाए गए आंदोलन के बाद वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गौरगांय के समीप लगभग 35 एकड़ शासकीय भूमि पर मेडिकल कॉलेज निर्माण कराने की घोषणा की थी। पिछले वर्ष इस मेडिकल कॉलेज के लिए शासन के द्वारा 220 करोड़ रूपए की राशि आवंटित कर जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर ठेकेदार कंपनी के माध्यम से इसका निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया गया था लेकिन इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण में लगातार बाधाएं सामने आ रही हैं। स्थानीय किसानों के द्वारा मेडिकल कॉलेज की शासकीय भूमि को अपना बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर फिलहाल स्थगन आदेश जारी हो चुका है। स्थगन होने के कारण मेडिकल कॉलेज का यह निर्माण बंद पड़ा है। मेडिकल कॉलेज का निर्माण अटकने के कारण छतरपुर का बुद्धिजीवी एवं जागरूक समाज एक बार फिर प्रशासन और सरकार को घेर रहा है। बुधवार को मेडिकल संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नगर के एक दर्जन से ज्यादा सजग नागरिकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में 15 दिन के भीतर निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की गई है। यदि निर्माण शुरू नहीं होता तो आंदोलन की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन के माध्यम से मेडिकल संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि प्रशासन को इस मामले में लापरवाही न करते हुए उक्त स्थगन को निरस्त कराने के बाद अदालत में कैबिएट दायर करनी चाहिए। इसके साथ ही गैर विवादित जमीन पर तत्काल निर्माण कार्य शुरू कराया जाए। रतलाम और दतिया की तरह बिल्डिंग बनने के पूर्व मेडिकल के छात्रों को प्रवेश देकर जिला अस्पताल एवं अन्य किसी शासकीय, अशासकीय बिल्डिंग में इसकी कक्षाएं शुरू करानी चाहिए। यदि प्रशासन और सरकार मेडिकल कॉलेज के इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेती है तो संघर्ष मोर्चा एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्त्यिार करेगा। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार हरिप्रकाश अग्रवाल, श्याम अग्रवाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, सुशील दुबे, धर्मेन्द्र सक्सेना, छोटू दमेले, दिलीप सेन, सौरभ तिवारी, राकेश दीक्षित, दिलीप क्षत्रिय सहित अन्य लोग मौजूद रहे।