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सभी को नमस्कार मैं हूँ डॉ ललित कुमार मैं चेन्नई में आखो का डॉक्टर हूं। मेरे अस्पताल का नाम अमृत अस्पताल है और मैं लंबे समय से, प्रेसबायोपिया यानि मोतियाबिंद को ठीक कर रहा हूं। लेकिन कुछ मुद्दे थे जिनका मैं सामना कर रहा थ। जो था ट्राइफोकल और मल्टीफोकल लेंस। जहा, बहुत सारे मरीज़ दुँधली और चकाचौंध रौशनी की शिकायत करते थे। आप जानते हैं, यह बिना कहे डाला जाता है कि सभी मल्टीफोकल हे और ट्राइफोकल में ये घटनाएँ हैं। दूसरी बात यह थी कि कंट्रास्ट भी कम था। तो इनमें से अधिकतर मल्टीफोकल और ट्राइफोकल लेंस में या तो दो फोकल पॉइंट होते हैं या तीन फोकल पॉइंट, और वह आंख के अंदर प्रकाश उपयोग केवल 80 फि सदी होता हे ये मधुमेह और ग्लूकोमा के रोगियों ने अनुभव किया। तो ये वे मुद्दे थे जिनका मैं सामना कर रहा था ट्राइफोकल और मल्टीफोकल लेंस में । यही वह समय था जब मेरा परिचय हुआ। मोनो मोर टेक्नोलॉजी, जो कि EYECRYL-SERT IOL में है। यह एक EDOF लेंस है, जो दूरी की दृष्टि के लिए खूबसूरती से केंद्रित कराता है। और यह आपको 57 सेंटीमीटर पर अच्छी मध्यवर्ती दृष्टि देता है। और मेरा अनुभव हे हालांकि, कंपनी न तो कहती है और न ही घोषणा करती है। ये मेरा अनुभव हे। यह आपको अच्छी, निकट दृष्टि भी देता है। इसलिए मेरे अधिकांश रोगी ओप्रशन के बाद एन 10 को आराम से पढ़ने के लिए सूक्षम हे, और कहे तो वे फाइन प्रिंट भी पढ़ सकते हैं। वे N 6 को पढ़ने में सक्षम हैं, बिना किसी समझौता के। रंग संवेदनशीलता और बिना किसी विशेष घटना के, जैसे दुँधली और चकाचौंध रौशनी। जो ट्राइफोकल या मल्टीफोकल लेंस के साथ मौजूद होते हैं।