Download Free Audio of पुराने समय की बात ह�... - Woord

Read Aloud the Text Content

This audio was created by Woord's Text to Speech service by content creators from all around the world.


Text Content or SSML code:

पुराने समय की बात है एक जंगल था जिसके बीच में गंगा नदी प्रवाहित होती थी । जिसके एक किनारे की ओर रामदेव नाम के ब्राम्हण रहा करते थे नदी की दूसरी ओर एक उनका भक्त परिवार रहा करता था उस परिवार में एक बच्ची और उसके माता – पिता थे । ब्राम्हण रामदेव को उनके भक्त परिवार रोजाना गाय का दूध भेजा करते थे क्योंकि ब्राम्हण जी प्रतिदिन दूध पीकर तपस्या करने बैठ जाते थे । ब्राम्हण जी पानी पर चलने की सिद्धि प्राप्त करना चाहते थे उनका सपना था कि वो एक दिन पानी पर चलें । जो परिवार था उस बच्ची के पिता शहर जाते थे नौकरी के लिए तो बच्ची दूध लेकर जाया करती थी । एक दिन बुहुत घनघोर बादल छाए हुए थे बच्ची की मां ने बच्ची को दूध दिया और उससे कहा बेटा आज ब्राम्हण जी को दूध देना और उनसे बोलना की आज घनघोर बादल छाए हुए हैं हो सकता है कल नदी में बाढ़ आ जाए और में दूध देने ना आ पाऊ । बच्ची जाती है और ब्राम्हण जी को सारी बात बताती है ब्राम्हण जी समस्या को सुन बच्ची से बोले, बेटा तुम चिंता ना करो में तुम्हें ऐसा मंत्र बता दूंगा जिससे की तुम पानी पर चल कर नदी पार कर लोगी । बच्ची ने कहा ठीक है बाबा जी । बच्ची घर जाती है और मां को सारी बात बताती है , माँ अब कोई समस्या नहीं है । ब्राम्हण जी ने मुझे एक ऐसा मंत्र बताया है कि जिससे बाढ़ आने पर भी में नदी पार कर लूंगी । रात को बुहुटी बारिश होती है और नदी में बाढ़ आ जाती है अब बच्ची के बोलने एवम् ब्राम्हण जी पर भरोसे से बच्ची की मां उसे दूध ब्राम्हण जी को देने के लिए भेज देती है । बच्ची दूध लेकर जाती है नदी के पास जाते ही बच्ची ने मंत्र का उच्चारण करके नदी पार कर ली ब्राम्हण जी ने देखा तो ब्राम्हण जी भोउचक्के रह गए कि मेरे दिए हुए मंत्र से सच में ऐसा हुआ । ब्राम्हण जी बड़े खुश थे उनकी वर्षों की तपस्या काम आई बच्ची बापस जाने लगी उसने फिर से मंत्र उच्चारण किया और पानी पर चलने लगी ब्राम्हण जी देख रहे थे वह आश्चर्यचकित थे । ब्राम्हण जी ने सोचा चलो मैं भी नदी पार करता हूं परन्तु जैसे ही ब्राम्हण जी नदी पार करने के लिए आगे बढ़ते हैं वह नदी में डूब जाते है और उनकी मृत्यु हो जाती है क्योंकि बच्ची को ब्राम्हण जी द्वारा दिए गए मंत्र पर विश्वास था परन्तु ब्राम्हण जी द्वारा स्वयं सिद्ध किए मंत्र पर ( Self Confidence) आत्मविश्वास नहीं था । ब्राम्हण जी को खुद पर विश्वास नहीं था इसलिए वह नदी के प्रवाह में वह गए और मृत्यु को प्राप्त हुए ।