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और मैं कपडे भी ऐसी पहनी थी जो सेक्सी थी पिंक कलर की नाईटी। उस पर भी मैं ब्रा नहीं पहनी थी। वो मेरे गोल गोल संतरों को साफ़ साफ़ देख रहा था । नाईटी के ऊपर ही मेरे निप्पल का साइज तक दिख रहा था और संतरे तो साफ़ साफ़। तो उनका मन शायद डोल गया और बिच बिच में वो मेरी संतरे को छूने लगे। पहली बार तो मुझे लगा की गलती से हो गया होगा पर बाद में ऐसा लगा की नहीं वो जानबूझकर कर रहे हैं। क्यों की एक बार मैं अपना हाथ उनके पावर प्वाइंट पर लगाई जानबूझ कर ताकि उनको लगे की गलती से लग गया। तो महसूस की उनका काफी टाइट हो गया था। मैं समझ गयी वो क्या चाहते हैं। मैं आँख खोल कर देखि तो वो बोले अब कैसा लग रहा है। मैं क्या बोलती मैं तो अब दो बीमारी से ग्रसित हो गयी अब वासना की भी लग चुकी थी। मैं बोली। सर का दर्द तो खत्म हो गया पर पुरे शरीर में दर्द हो रहा है। तो वो बोले मैं तेल लगा दूँ। उनकी बात में लड़खड़ाहट थी। मैंने कहा नहीं नहीं माँ को पता चल जाएगा या किसी को पता चल जाएगा तो वो क्या कहेंगे और मैं मुश्किल में आ जाउंगी। इतने में वो तेल ले आये और बोले किसी को नहीं पता चलेगा। और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और मेरे पैर में पहले तेल लगाए और मालिश किये फिर उन्होंने जांघ तक नाईटी उठाई और वह तक तेल लगाई। उनके हाथ लगत्ते ही मेरी गीली होनी शुरू हो गयी। और फिर उन्होने कहा मैं तो चाहता हु आपके पीठ में भी लगा दूँ पर कैसे लगाऊं। दोस्तों अब असली खेल हुआ था शुरू।