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दोस्तों, अबतक हम इनसानो ने जिवन से लेकर मरने तक की लगभग सभी गतिविधियों को जान लिया है, क्योंकि इन गतिविधियों को हम मेहसूस कर रहे हैं, इसलिए कि हम जिवित है यानि हम चेतना में है, पर अचेत अवस्था को भी हम मेहसूस कर सकते हैं, अचेत से मतलब है बेहोश होना या कोमा में चले जाना, क्योंकि इस अवस्था में हमारे दिमाग का सेंसिटिव अंगों को मेहसूस करने वाला हिस्सा ही शुन्य होता है पर बाकी पुरा दिमाग काम कर रहा होता है, यही कारण है की कुछ लोग जब बेहोशी से होश में आते है तो बेहोशी के दौरान अपने दिमाग में हुए इमेजिंग को बता सकते हैं,यह अवस्था, एक सपने की तरह महसूस होती है, पर मरने के बाद कया होता है, यह कोई नहीं जानता, क्योंकि मरने के बाद कोई भी प्राणी फिर से जिन्दा नहीं हो सकता, लेकिन कुछ एसी अवस्था या ऊर्जा जिनको हम मेहसूस नहीं कर सकते, या देख नहीं सकते, एसी अवस्थाओं की हम अपने जीवन के गयान या अनुभव के आधार पर कल्पना कर सकते हैं, उदाहरण के तौर पर हम इनसानो ने, ब्लैक होल को कभी नहीं देखा था, लेकिन सन् 1783 को पहली बार जोह्न मिचेल्स नाम के वेज्ञानिक ने अपने अनुभव से ब्लैक होल का पता लगा लिया था, और इस के बाद कइ विज्ञानिकों ने भी, ब्रह्माण्ड में ब्लैक होल के होने की पुष्टि की थी और आखिरकार विज्ञानिकों ने 10 अप्रैल 2019 को ब्लैक होल की पहली असली तस्वीर ली, ऐसे ही ब्रहमाण्ड या धरती पर और भी बहुत सारी घटनाएं और कृयांए है जिनको हम देख या महसूस नहीं कर सकते, और अब हम ऐसी ही एक अवस्था के बारे में जानेगे,जो हमारे मरने के बाद आती है, हमने, वेदों, ग्रंथों और कहानियों में आत्मा के बारे में कई बातें सुनीं है, की आत्मा अमर है, आत्मा भटकती है, आत्मा दुखी है या किसी और की आत्मा किसी जिन्दा इन्सान में आ जाती है वगैरह-वगैरह, कुछ दसकों पहले तक इनसान भुत प्रेत आत्मा जेसी बातों पर बहुत ज्यादा विस्वास रखते थे, लेकिन जेसे ही हमारे ज्ञान में विज्ञान बडने लगा वेसे ही भुत प्रेत व आत्मा के होने का विस्वास भी कम होने लगा हलांकि विज्ञान ने आत्मा जेसी चीज को ना तो नकारा न ही स्विकारा, लेकिन विज्ञान ने कुछ ऐसी परतें खोलीं जिनका सबंध किसी ना किसी अंधविस्वास से जुड़ा था,