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RIP Meaning in Hindi - RIP का क्या मतलब होता है? हम सोशल मीडिया में कई सारे शार्टकट शब्द देखते हैं, लेकिन RIP सिर्फ एक ही जगह देखा जाता है, जहाँ किसी को श्रद्धांजलि दी जा रही हो. RIP (RIP full form) का असली मतलब रेस्ट इन पीस (Rest in Peace) होता है. ये शब्द लैटिन शब्द Requiescat in Pace से लिया गया है. RIP का हिंदी में मतलब “आत्मा को शान्ति मिले” होता है. जब हम सोशल मीडिया में किसी के देहांत की पोस्ट देखते हैं, तो कमेंट लोग RIP लिखते हैं. इसका मतलब लोग भगवान ने प्रार्थना करते हैं कि भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे. इतना लम्बा न लिखकर लोग RIP लिख देते हैं. आपके दादा या घर के बड़े लोगों जब कोई शोक सन्देश सुनते हैं तो वो RIP नहीं कहते वो सिर्फ ये कहते हैं कि “भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे”. नए ज़माने लोग RIP कहते हैं या Rest in Peace. अगर हम सरल भाषा में RIP का मतलब समझने की कोशिश करे तो रेस्ट (Rest) का मतलब आराम है और पीस (Peace) का मतलब शान्ति होता है. हर शब्द का अपना अलग ही भाव होता है, हम ख़ुशी वाले भाव के शब्द को दुःख वाली परिस्थिति में इस्तेमाल नहीं करते और दुःख भाव वाले शब्द को खुशी वाली परिस्थिति में उपयोग नहीं करते. वैसे ही RIP शब्द का भी भाव होता है. जब अपना कोई भगवान के पास चला जाता है, तो लोगों के अंदर जो गम, दर्द होता हैं. उस भाव में RIP शब्द अन्दर की आत्मा से निकलता है और सीधा भगवान के पास जाता है. जब भी कोई अपना सबकुछ छोड़कर जाता है, तो हमारे अन्दर से यही निकलता है कि “भगवान इसकी आत्मा को शान्ति दे.” RIP शब्द का इतिहास (RIP History In Hindi) जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा होगा कि RIP को लैटिन भाषा से लिया गया है. अब हम इसके बारे विस्तार से जानेगे. हमारे देश के लोगों पर पश्चिमी सभ्यता का नशा तेजी से चढ़ रहा है. लोग अपनी संस्कृति को छोड़कर पश्चिमी संस्कृति को अपना रहे हैं. 16 वीं से 18 वीं शताब्दी के समय में RIP शब्द का उपयोग सिर्फ इसाई धर्म के लोग ही क्या करते थे. जब उनके धर्म के किसी व्यक्ति का निधन हो जाता था, तब उसकी डेथ बॉडी को दफनाया जाता था और उसकी कब्र के ऊपर रेस्ट इन पीस (Rest in peace) लिखा जाता था. जैसे-जैसे समय गुजरने लगा, वैसे-वैसे Rest in peace कब RIP हो गया पता ही नहीं चला. पहले तो RIP सिर्फ ईसाईयों की कब्रों पर ही लिखा जाता था. फिर जब सोशल मिडिया आया और लोग इसे यहाँ भी इस्तेमाल करने लगे. और ये शब्द अब फैशन बन गया है. अब 21वीं सदी में RIP शब्द का इस्तेमाल कब्रों से ज्यादा सोशल मीडिया में होने लगा है. जब भी हम फेसबुक या किसी भी सोशल मिडिया प्लेटफार्म में कोई दुखत पोस्ट देखते हैं, तो 99% कमेन्ट में सिर्फ RIP ही लिखा होता है.