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आज हम आपको दुनिया की 3 ऐसी गलतियां के बारे मे बताएंगे जिसकी कीमत उन्हें करोड़ो अरबो मे चुकानी पड़ी थी। तो जानने के लिए वीडियो को आखिर तक देखे। कोमा से हुई करोड़ो की गलती। आज से कुछ साल पहले अमेरिका के मायन राज्य में रहने वाले 5 ट्रक ड्राइवरो ने OAKHURST नाम की एक कंपनी पर केस कर दिया था | OAKHURST कंपनी मायन की एक प्रसिद्ध डेरी है, जिसके लिए ये ट्रक ड्राइवर डिलीवरी का काम करते थे | इन 5 ट्रक ड्राइवरो ने 2014 में OAKHURST डेरी के खिलाफ कोर्ट में एक अपील दर्ज की थी | कि उन्हें अधिक समय यानी कि Extra Time काम करने के पैसे नहीं दिए जाते | उस समय तो ये ड्राइवर इस केस को हार गए थे | लेकिन जब उन्होंने मार्च 2017 में फिर से कोर्ट मे अपील की तो कोर्ट ने इस बार उन्हें सहयोग किया और कोर्ट ने OAKHURST डेरी के मालिक को आदेश दिया कि, इन 5 ट्रक ड्राइवरो के साथ अन्य 127 ड्राइवरो को 5 लाख डॉलर दिए जाए | लेकिन ये ड्राइवर इस केस को अधिक समय पाने के बलबूते पर नहीं बल्कि एक कोमा के ऊपर जीते थे | इस कंपनी की नियम और कानून की किताब के अनुसार | अगर आप इस तस्वीर में दिख रही इस लाइन को ध्यान से पड़े तो आप लोगो को दिखेगा की इस लाइन के अंत में लिखा हुआ है, packing for shipment or distribution of: | जिसका मतलब होता है की जो लोग डेरी में पैकिंग और डिलीवरी का काम करते है, उन्हें इस काम को अधिक समय तक करने का कोई भी ख़र्चा नहीं मिलेगा ।इस लाइन के मुताबिक यहाँ खाने की पैकिंग व डिलीवरी एक ही इंसान करता है | अब अगर इस लाइन में एक छोटा कोमा लगा दिया जाए तो packing for shipment, or distribution of: इसका मतलब यह निकलता है की वो लोग जो खाने की पैकिंग करते है और वो लोग जो इस खाने को डिलीवर करते है। इन दोनों लोगो को किसी भी प्रकार का अधिक वेतन नहीं मिलेगा | ये ट्रक ड्राइवर इस कंपनी के द्वारा बनाए गए खाने को डिलीवर करते है लेकिन उस खाने को पैक नहीं करते है | तो अगर इस लाइन में कोमा नहीं हुआ तो इन ड्राइवर को अधिक समय काम करने का अधिक वेतन मिलना चाहिए | और सिर्फ इसी कोमा की वजह से ये ट्रक ड्राइवर अपने 5 लाख डॉलर लेने में कामयाब हो गए | टाइपिंग से हुई करोड़ो की गलती। साल 2006 में जापान के MIZUHO शेयर मार्किट में एक शेयर ब्रोकर ने jcom कंपनी के शेयर बेचे जिसके 1 शेयर की कीमत 6,10,000¥ होनी चाहिए थी, लेकिन ब्रोकर की टाइपिंग में गलती के चलते उसने 6,10,000 शेयर महज 1¥ में बेच दिए थे | इस नुकसान का ख़ामियाज़ा कंपनी को उठाना पड़ा | उस कंपनी को उस समय के लगभग 14,00,00,00,000 रूपए का नुकसान सहना पड़ा था | एंगल नापने में हुई करोड़ो की गलती। साल 2003 में जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड ने मिलकर एक पुल बनाने का निर्णय लिया ताकि इन दोनों देशों में आने जाने वाली जनता का समय और पैसा बचाया जा सके | इस पुल को बनाने के लिए ये फैसला लिया गया की दोनों देशों के इंजीनियर अपने अपने देशो से इसे बनाते हुए आएँगे और एक पॉइंट पर आकर इन दोनों पल को आपस में जोड़ देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया | इन दोनों देशों के इंजीनियर से बहुत बड़ी भूल हो गयी थी | ये दोनों आपस में जोड़ने लायक नहीं थे क्योंकि इस पल को बनाते समय दोनों देशों के इंजीनियर ने गलत एंगल से इस पल को बनाना शुरू किया था |